लाभ
1.
योग के
अनुसंधान के लाभ के अन्तर्गत सर्वप्रथम योग के सम्बन्ध में भ्रन्तियों एवं
अस्पष्टताओं का निवारण करना
2.
योग के
रहस्यात्मक पक्ष को स्पष्ट करने का प्रयास करना, साथ ही यह भी बतलाना संभव होगा कि
कहाँ तक वह अनुसंधान की परिधि में तथा वस्तुनिष्ठता के दायरे में लाया जा सकता है।
3.
अनुसंधान से कोई भी ज्ञान-विज्ञान की शाखा समृद्ध तथा विकासवान होती है यही लाभ योग
के अन्तर्गत अनुसंधान से योग के क्षेत्र को मिलेगा, अनुसंधान या विकास नहीं होने पर
वह ज्ञान-विज्ञान जड़ एवं रूढ़ियों का शिकार हो जाता है।
4.
योग-अनुसंधान के माध्यम से इसकी उपादेयता तथा विविध विषयों एवं जीवन के विविध
पक्षों के साथ इसका समायोजन तथा सम्बन्ध स्पष्ट किया जा सकता है।
5.
अनुसंधान निश्चित विधि को पालन करता है अतः इसके प्राप्तव्य एवं निष्कर्ष में
निश्चितता दिखलयी जा सकती है।
6.
योग
अनुसंधान के माध्यम से निष्कर्ष सभी लोगों के द्वारा मान्य होंगे वे लोग जो नहीं
जानते थे वे भी योग के सत्यों से परिचित होगें।
7.
अनुसंधान के अन्य लाभ एवं उपादेयता में यह भी कहा जा सकता है कि इससे योग के
उपचारत्मक पक्ष पर अधिक प्रयोग एवं परीक्षण होंगे जिससे वे अधिक निश्चित तथा
ग्राह्य होंगे।
8.
किसी एक
विधि पर लगातार अनुसंधान से ही उसके सुदूर एवं भविष्यवर्ती सभी परिणामों को बतलाया
जा सकेगा।
9.
अनुसंधान के माध्यम से योग के आयामों को और विस्तृत किया जा सकेगा, नयी दिशायें
मिलेगीं।
कमियाँ
1.
अनुसंधान की एक कमी इसका ट्रायल पर आधारित होना है, किसी समूह पर किये गये अनुसंधान
को सभी पर लागू करने में कठिनाई तथा अस्पष्टता की गुंजाइश रहती है, साथ ही एक साथ
वृहद् दायरे में सभी ग्रुप्स पर अनुसंधान करना इस समस्या का समाधान होगा परन्तु ऐसा
किया जाना भी प्रायः व्यवहारिक एवं सरल नहीं होता।
2.
योग के
क्षेत्र में अनुसंधान की कमी यह भी है कि अभी तक इसमें किसी एक प्रैक्टिस या क्रिया
के निश्चित मापदण्ड या नियम नहीं हैं, करने के तरीके में वैरिएशन मिलते हैं, जिससे
अनुसांधन में एकनिष्ठता लाने में कठिनाई होती है।
3.
योग के
सन्दर्भ में अभी भी उभयनिष्ठ पाठ्यक्रम या अध्ययन क्षेत्र पर निश्चितता नहीं बन पाई
है।
4.
अनुसंधान के लिये प्रशिक्षित अनुसंधानकर्ता की आवश्यकता होती है, अभी भी उनका अभाव
है।
5.
योग का
अनुसंधान दीर्घावधि का प्रशिक्षण तथा अवलोकन आपेक्षित करता है, इसके लिये दीर्घावधि
तक धैर्य पूर्वक निष्कर्षों के अवलोकनों की आवश्यकता होती है, शीघ्रता परक रासायनिक
प्रयोगों की भाँति निष्कर्ष इसमें नहीं लिये जा सकते।
6.
योग में
अभी तक अनुसंधान के मानक या स्टेंडर्ड उपकरणों का अभाव है।
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